Monday 18 November 2013

मुझे किसी दायरे में ना बांध ये मेरे दोस्त। मै भी मिज़ाजे मौसम हूँ क्या पता कब बदल जाऊं।
 


शंकर शाह

Friday 8 November 2013

कमाल कि आविष्कार हो कुदरत का ....मुस्कुराती तुम हो और दिन हमारा निखर जाता है !!!!↚
शंकर शाह