MeRi KaHaNi
Saturday, 28 March 2009
प्यार और लाल गुलाब PYAR AUR LAL GULAB
एक
चिडिया
था
खुशी
का
चिडिया
जिसका
एक
राजकुमार
से
दोस्ती
था
वैसे
तो
सारे
उसके
दोस्त
थे
फूल
पेड़
पौधे
पुरी
प्रकिती
सब
उसके
दोस्त
थे
क्योकि
वो
तो
खुशी
का
चिडिया
था
जब
वो
गाना
गाता
मानो
सारा
प्रकिती
झूम
उठता
मानो
लगता
ऐसा
की
लग
रहा
हो
की
सारी
दुनिया
उसके
गानों
पे
झूम
उठा
हो
नाच
रहा
हो
सुर
मैं
सुर
मिला
रहा
हो
पर
ये
क्या
राजकुमार
क्यों
उदास
है
!
जिसके
गाने
पे
आसमान
फूल
बरसा
रहा
हो
प्रकिती
सुर
मिला
रहा
हो
उसका
गाना
सुनकर
भी
राजकुमार
उदास
है
क्यों
खुसी
का
चिडिया
से
रहा
नही
गया
वो
राजकुमार
से
पूछ
बैठा
"
क्या
बात
है
राजकुमार
आज
आप
उदास
क्यों
है
,
क्यों
आज
मेरे
गाने
के
वावजूद
भी
आपके
चेहरे
पे
उदासी
है
,
क्या
बात
है
राजकुमार
"
राजकुमार
ने
खुशी
की
चिडिया
से
कहा
"
क्या
करोगे
खुशी
की
चिडिया
जा
न
कर
मेरे
उदासी
का
कारन
मुझे
मेरे
हाल
पर
छोड़
दो
दोस्त
"
पर
वो
तो
खुशी
का
चिडिया
था
कहा
उसको
मंजूर
था
की
उसके
होते
हुए
कोई
उदास
रहे
वो
जिद्द
कर
बैठा
नही
मुझे
बताओ
क्या
कारन
है
तो
तुम
उदास
हो
नही
मानता
देख
राजकुमार
ने
खुशी
के
चिडिया
से
कहा
"
खुशी
का
चिडिया
मुझे
एक
देश
के
राजकुमारी
से
प्यार
हो
गया
है
पर
उसका
एक
सर्त
है
उसे
एक
लाल
गुलाब
चाहिए
और
तुम्ही
बताओ
इस
दुनिया
मैं
लाल
गुलाब
कहा
मिलता
है
,
अगर
वो
मुझे
नही
मिली
तो
मैं
मर
जाऊंगा,
इसी
लिए
मैं
परेशान
हूँ
दोस्त
"
पर
वो
तो
था
खुशी
का
चिडिया
उसके
रहते
हुए
कैसे
कोई
उदास
रह
सकता
है
उसने
राजकुमार
से
कहा
"
राजकुमार
मैं
लूँगा
तुम्हारे
लिए
लाल
गुलाब
"
और
वो
बाग़
मैं
गुलाब
रानी
के
पास
जा
पहुँचा
"
गुलाब
रानी
गुलाब
रानी
मुझे
लाल
गुलाब
चाहिए
कहीं
से
भी
लाओ
पर
मुहे
लाल
गुलाब
चाहिए
"
तब
गुलाब
रानी
ने
कहा
"
कहा
से
ला
उ
लाल
गुलाब
तुम्हे
तो
पता
है
इस
दुनिया
मैं
कही
भी
लाल
गुलाब
नही
मिलता
"
पर
कहा
हार
मानने
वाला
था
खुशी
का
चिडिया
वो
सारा
दुनिया
घूम
लिया
पर
उसे
कही
भी
नही
मिला
लाल
गुलाब
"
पर
कहाँ
हार
मानने
वाला
था
खुशी
का
चिडिया
फ़िर
वो
जा
पहुँचा
गुलाब
रानी
के
पास
"
गुलाब
रानी
गुलाब
रानी
मुझे
लाल
गुलाब
चाहिए
"
जब
गुलाब
रानी
ने
देखा
की
खुशी
का
चिडिया
नही
मान
ने
वाला
तो
उसने
खुशी
के
चिडिया
से
कहा
"
देखो
खुशी
का
चिडिया
मेरा
फुल
लाल
हो
सकता
है
जब
कोई
अपने
कोमल
जिस्म
को
मेरे
कांटे
से
चुभो
दे
और
उसके
एक
एक
खून
बूंद
से
मेरा
फूल
लाल
हो
जाएगा
"
खुशी
के
चिडिया
ने
चारो
तरफ़
देखा
उसे
हर
चेहरे
मैं
एक
सवाल
नजर
आया
पर
वो
तो
खुशी
का
चिडिया
था
फूल
रानी
के
कांटे
मैं
खुशी
के
चिडिया
ने
अपना
जिस्म
चुभो
दिया
और
गाना
गाने
लगा
ऐसा
गीत
न
उसने
कभी
गाया
था
और
न
किसी
ने
वैसे
गीत
सुना
था
वो
गा
रहा
था
खुशी
का
गीत
पर
उसके
कंठ
से
दर्द
साफ
झलक
रहा
था
ऐसा
दर्द
गाने
मैं
जो
सुनकर
हर
किसी
ने
रो
दिया
जिस
गाने
को
सुनकर
प्रकिती
भी
रो
परी
ऐसा
दर्द
था
उस
गाने
मैं
पर
वो
तो
था
खुशी
का
चिडिया
उसके
शरीर
से
रक्त
का
धारा
निकलता
रहा
और
गुलाब
रानी
का
हर
कली
धीरे
धीरे
लाल
होती
गई
पर
एक
ऐसा
समय
आया
जब
खुशी
के
चिडिया
का
आवाज़
छीन
हो
चुका
था
और
एक
आखरी
अह
निकली
उसके
मुख
से
और
वो
इस
दुनिया
से
विदा
ले
चुका
था
गुलाब
रानी
ने
जब
अपना
फूल
लाल
रक्त
सा
खिला
देखा
तो
खुशी
से
चिल्ला
पड़ी
"
खुशी
के
चिडिया
देखो
मेरे
हर
फूल
ला
ल
हो
चुके
है
,
तुम
कामयाब
हो
गए
दोस्त
तुमने
कर
दिखाया
,
देखो
खुशी
का
चिडिया
देखो
"
पर
उन
गुलाबो
के
देखने
के
लिए
खुशी
का
चिडिया
जिन्दा
न
था
हर
चेहरे
मैं
आंसू
थे
हर
कोई
रो
रहा
था
पर
एक
चेहरे
मैं
गम
से
ज्यादा
खुशी
था
जब
राजकुमार
ने
लाल
गुलाब
देखा
तो
अपने
दोस्त
को
खो
जाने
का
गम
भूल
गया
वो
तुंरत
लाल
गुलाब
ले
कर
राजकुमारी
का
देश
चल
पड़ा
पर
यह
क्या
राजकुमारी
ख़ुद
उसी
के
तरफ़
चली
आ
रही
थी
राजकुमार
के
आँखों
मैं
चमक
और
बढ़
गई
वो
दौड़ा
"
राजकुमारी
राजकुमारी
मैं
तुम्हारे
लिए
लाल
गुलाब
ले
आया
देखो
ये
लाल
गुलाब
"
राजकुमारी
ने
ला
ल
गुलाब
हाथ
मैं
लिया
और
राजकुमार
से
कहा
"
राजकुमार
मुझे
अब
इसकी
जरूरत
नही
है
,
मुझे
मेरे
सपनो
का
राजकुमार
मिल
चुका
है
"
और
ला
ल
गुलाब
को
एक
तरफ़
उछाल
दिया
और
चल
पड़ी
राजकुमार
अवाक्
सा
खड़ा
होकर
देखता
देखता
रहा
कभी
पहियो
से
कुचले
धुल
से
सने
लाल
गुलाब
को
तो
कभी
पृथ्वी
के
गोद
मैं
फूलो
से
दफ़न
खुशी
के
चिडिया
को
तो
कभी
राजकुमारी
को
जाते
हुए
वो
अवाक्
सा
खड़ा
होकर
देखता
रहा
!!!!!!!!!
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