MeRi KaHaNi
Wednesday, 22 September 2010
Galti / गलती
कुछ होता है जो होता सच में होता है ...पर सच में विश्वास नहीं होता ..और कभी विश्वास होता है पर उसे विश्वास नहीं करना चाहते ...गलती उसकी नहीं है जो विश्वास नहीं करता है या करता है ...गलती तो कम्भख्त जरूरतों की है जो सभकुछ करवाता है...
(शंकर शाह)
2 comments:
संजय कुमार चौरसिया
22 September 2010 at 06:14
kya baat hai
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
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Shankar shah
22 September 2010 at 21:34
Sukriya Sanjay Ji....:)
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kya baat hai
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
Sukriya Sanjay Ji....:)
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