Tuesday, 28 September 2010

Vichar ka Vyagyanik / विचार का वैज्ञानिक

बहुत सोचा धरती गोल क्यों है...फिर विज्ञानं कहता है की ये घुमती है...पर ऑफिस से घर और घर से ऑफिस की दुरी तो उतनी ही है...रिश्ते, नाते, दोस्त, परिवार सब एक हिन् जगह पर हैं अगर धरती घुमती तो ये भी घूमता और छुटते इन सब से फिर गले मिलता पर मेरे विचार का वैज्ञानिक सोच के प्रयोग पर कही सठिक नहीं बैठ रहा.....

(शंकर शाह)

3 comments:

  1. Thoda aur socho bhai jabab mil jaega.

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  2. यह विचार मंथन है ।

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  3. Sukriya Madhav Ji....:)
    Sukriya Dr. J.P Tiwari Ji....:)
    Sukriya Sarad Ji....:)

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