Thursday 29 April 2010

Mera Manzil Kya Hai / मेरा मन्जील क्या है

अचानक मेरे मन एक ख्याल आया की मैं किसके पीछे भाग रहा हूँ.. मेरा मन्जील क्या है...मुझे जिंदगी मे कामयाबी मिल जाये और सुख सुबिधाये क्या येही मेरी मन्जील है...सवाल पेचीदा है और जबाब भी नहीं मिला...हमारा जिंदगी एक पतंग की तरह..हम बच्चे..उसकी उड़ान हमारे महत्वकान्छाओ की तरह और उसका ठहेरना हमारी किस्मत..एक अंधी दौड़ है जो हम दौड़ रहे है..कई निशाने बनाके...



(शंकर शाह)

No comments:

Post a Comment