Wednesday 19 May 2010

Kash Is Bahane / काश इस बहाने

हे सूर्य अपना किरणों को बाँट दो...हे पवन आप अपने हवाओ मैं अलग एहसास दो...हे पानी उसमे जीवन कुछ खास दो....हे प्रकृति कुछ ऐसा करो जो सबको सबसे अलग एहसास हो...
आखिर सवाल है यहाँ धर्म का है...और पता तो चले किस धर्म के शासक के हुक्म से हमे जीवन दे रहे हो..काश इस बहाने तो पता चल जाये...





(शंकर शाह)

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