Tuesday 29 June 2010

Dil Puchta Hai Mera / दिल पूछता है मेरा

दिल पूछता है मेरा
अरे दोस्त तू कहाँ जा रहा है?

थोडा नजर तो घुमा
सामने समसान दिख रहा है
ना व्यव्हार बना रहा है ना
त्यौहार मना रहा है
दिवाली हो की होली सब तो
ऑफिस में हीं मना रहा है
ये सब तो ठीक है पर
हद तो वहाँ हो रही है
शादी की निमंत्रण मिला तो
मान मान वहा जा रहा है

दिल पूछता है मेरा
अरे दोस्त तू कहाँ जा रहा है?

फ़ोन बुक भरा हुआ है दोस्तो से
किसी से मिलने मुस्किल से जा रहा है
अब तो हद हुइ घर का त्योहार भी
तो हाल्फ डे मे मना रहा है

दिल पूछता है मेरा
अरे दोस्त तू कहाँ जा रहा है?

किसी को पता नहीं
ये रस्ता कहा जा रहा है
फिर भी है की वो चला जा रहा है
किसी को डोलर की ख्वाहिश
तो रुपये के पिछे भाग रहा है

तुम्ही कहो दोस्तो क्या
ये हि जिन्दगी है?

दिल पूछता है मेरा
अरे दोस्त तू कहाँ जा रहा है?



(शंकर शाह)

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