Saturday, 30 April 2011

जैसे किसी भी जन्म का प्रमाणपत्र मरण उसी तरह हमारे पतन के पीछे हमारा अज्ञानरूपी ज्ञान छुपा हुआ है...हम बुद्धिजीविता के ढोंग में खुद के लालच को दुसरे पे थोपते है...एक नम्र निवेदन " अगर आप ज्ञानी है तो ज्ञान का सद्य्प्योग उपयोग कीजिये...आजीवन ज्ञान को प्राप्त करना और ज्ञान को बांटना दो आदमियो का काम है १. शीक्क्षक  २. बेकार

(शंकर शाह)

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