Friday 14 May 2010

Apna Ek Dunia Banane Ka / अपना एक दूनिया बनाने का

 एक नन्हा लडखडाता कदम जो अंगुलिओं को थाम चलना सिखा...देखते हीं देखते वही कदम  डेग भरने लगता है...दुनिया से आगे निकल जाने का....अच्छा है और सही भी...अपना एक नई दूनिया तो होनी हीं चाहिए...पर तकलीफ तो तब है....जब वही कदम दुनिया समेत लेना चाहता है अपने हथेलिओं में घर के आगे दिवार खड़ा कर..क्या अपना एक दूनिया बनाने का येही एक तरीका है...
(शंकर शाह)

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