Thursday 13 May 2010

Mastisk Ek Prayogsala / मस्तिस्क एक प्रयोगशाला

पर्वत के ऊंचाई से समुन्द्र कहता है.....समुन्द्र से फिर पर्वत कहता है...फूल भवरों से कहती है...भंवरा फिर फूल से कहता है...सवाल है क्या?
और जवाब सबके अलग अलग...हमारा मस्तिस्क एक प्रयोगशाला की तरह है जैसा सब्दो का रसायन डालेंगे वैसा विचारो का वस्तु तैयार होगा...अब ये हम पर है की...

(शंकर शाह)

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