सागर से गहरा, नील आकाश से फैला, झरनों से सीतल, चाँद से सुनेहरा, धरती जैसी औरत माँ और उनका प्यार...पर जब भ्रूण हत्या की बात आती है तो सबसे ज्यादा जिम्मेवार कौन है? जिस औरत को माँ दुर्गा, काली, सरस्वती देवीओं मैं गिना जाता है, और उन्ही के घर मैं ऐसा...पर क्यों..कमी कहाँ है..आप हीं अवतार हो और आपसे हीं सारा अवतारी..फिर कहा है लाचारी...?
(शंकर शाह)
No comments:
Post a Comment