एक शब्द है जो खामोश लम्हों मैं बहुत सताता है...एक प्यास है जो हर बार बढ़ जाता है...इस रेगिस्तान सी दुनिया मैं एक साया है जो...नीला चादर बनकर साथ निभाता है...हार जाता हूँ जब खुद से...एक आवाज़ है जो हौसला दिलाता है...भगवान करे मेरी उम्र भी अपलोगो को लग जाये...माँ पापा आपका याद बहुत आता है.....
No comments:
Post a Comment